भिंड। आलमपुर में रतनपुरा मुख्य मार्ग पर सोन भद्रिका नदी के पुल पर छात्रों को बचाने के चक्कर में एक तेज गड्ढे से एक बिल्डिंग मटेरियल से भरा तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉली बेकाबू होकर पुल पर झूल गया। अनियंत्रित ट्रॉली पुल पर आड़ी खड़ी रह गई और ट्रैक्टर नदी में लटक गया। इस बीच ड्राइवर ने नदी में छलांग लगाकर जान बचा ली। घटना शुक्रवार दोपहर 1 बजकर 15 मिनट की है। देखते ही देखते पुल के दोनों ओर लंबा जाम लग गया। बीच पुल पर सरिया से भरी ट्रॉली तिरछी खड़ी होने के कारण चार पहिया वाहन तो दूर बाइकें तक नहीं निकल पाईं। करीब 20 मिनट बाद थाना प्रभारी सुनील सिंह कुशवाह पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंचे पर रास्ता बहाल नहीं हुआ।
राघवेंद्र पुत्र रामप्रकाश सिंह ने 2 महीने पहले ट्रैक्टर खरीदा था। सोन भद्रिका नदी पर बना पुराना पुल पूरी तरह से जर्जर हालत में है। पुल की रेलिंग उखड़ है तो स्लैब रोड पर दर्जनों गड्ढे वाहन चालकों के लिए मुसीबत बन रहे हैं। हालांकि शासन ने नदी पर नया पुल मंजूर कर उसका भूमिपूजन किया है पर काम अभी तक चालू नहीं किया गया है। बीच पुल पर रोड घेरकर खड़ी ट्रॉली से दोनों तरफ से निकलने वाले वाहनों के पहिए थम गए। रतनपुरा मार्ग बंद होने से इधर कामाख्या मंदिर और दूसरी ओर खोड़न मोहल्ला तक 4 घंटे तक वाहन जाम में फंसे रहे। शाम चार बजे क्रेन की मदद से नदी में लटके ट्रैक्टर-ट्रॉली को निकालकर रास्ता बहाल कराया। जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली।
सरकारी आवास के लिए ले जा रहा था मटेरियल: नगर की बस्ती में सरकारी आवासों का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए शुक्रवार को छत्री बाग के पास बिल्डिंग मटेरियल की दुकान से ट्रैक्टर-ट्रॉली में युवक सामान लेकर जा रहा था। बीच पुल पर पहुंचते ही अचानक एक बड़े गड्ढे में ट्रैक्टर फंस गया। ड्राइवर ने एक्सीलेटर दिया तो ट्रॉली में अधिक वजन होने के कारण ट्रैक्टर हवा में उठकर घूमते हुए सीधे नदी में चला गया। घटना के बाद ड्राइवर मौके से भाग गया। हालांकि इस दौरान अगर पुल पर अन्य वाहन आगे-पीछे होते तो बड़ा हादसा हो सकता था। लेकिन इसके पीछे कहीं न कहीं प्रशासन भी दोषी है। क्योंकि पुल पर जिस कदर गड्ढे वाहन चालकों के लिए मुसीबत बने हैं उसके समाधान की प्रक्रिया के लिए जिम्मेदारों ने कदम नहीं उठाए हैं।
पुल पर हैं गहरे गड्ढे
आलमपुर-रतनपुरा मार्ग पर होल्कर स्टेट के समय का बना पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल की स्लैब रोड पर गहरे गड्ढे हैं। इससे पहले भी एक ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर नदी में गिरा है। तब भी प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए थे। हालांकि हादसा टल गया पर प्रशासन की जवाबदेही अवश्य होनी चाहिए। जिम्मेदार अपनी पीठ इसलिए थपथपाते हैं कि नया पुल मंजूर हो गया है। लेकिन उसे बनने में अभी एक साल लग जाएगा।
जाम से जूझते रहे लोग
मुख्य मार्ग बंद होने के कारण सैकड़ों सवारी एवं चार पहिया वाहन जाम में फंसे रहे। पुलिसबल मौके पर अवश्य पहुंच गया लेकिन पुल पर रास्ता बंद होने की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। थाना प्रभारी सुनील सिंह कुशवाह ने लोगों को समझाइश देकर प्रशासन से क्रेन के लिए मदद मांगी। शाम पांच बजे के बाद नदी में लटके ट्रैक्टर काे बाहर निकाला गया। जिसके बाद दोनों तरफ से आवाजाही शुरू की गई। इस दौरान लोग घंटों वाहनों में फंसे रहे। दतिया, रतनगढ़, दबोह, लहार, ग्वालियर, उरई आदि स्थानों के लिए जाने वाले लोगों ने दिक्कतों का सामना किया।