भाई को परीक्षा पास कराने आरक्षक भाई बना सॉल्वर, दोनों को 5-5 साल की सजा

ग्वालियर। छोटे भाई को परीक्षा पास करवाने के लिए आरक्षक भाई को सॉल्वर बनना भारी पड़ गया। विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव (सीबीआई) ने दोनों भाइयों, दिनेश और मुकेश को विभिन्न धाराओं में दोषी ठहराते हुए पांच-पांच साल की सजा दी और 3700-3700 रुपए जुर्माना भी लगाया।


2012 में व्यापमं द्वारा आयोजित आरक्षक भर्ती परीक्षा में जब परिणामों की छंटनी की जा रही थी, तब यह बात सामने आई कि दिनेश कुशवाह नाम के युवक ने एक ही समय में दो अलग-अलग स्थानों से परीक्षा में भाग लिया। इस कारण परीक्षा परिणाम रोक दिया गया। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मुरैना ने इस मामले की जांच के लिए एडिशनल डीजी केएन तिवारी को पत्र लिखा। अपराध की गंभीरता को देखते हुए पुलिस थाना पोरसा में दिनेश के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया। कुछ समय बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को दिया गया। 


जांच में खुलासा हुआ कि दिनेश कुशवाह ने अपने नाम से दो फाॅर्म भरे। पहले फॉर्म में जेएस पब्लिक हाईस्कूल मुरैना, परीक्षा केंद्र रहा। यहां दिनेश ने परीक्षा दी। दूसरे फाॅर्म में पीजी कॉलेज, अंबाह परीक्षा केंद्र रहा। यहां दिनेश के सगे भाई पुलिस आरक्षक मुकेश कुशवाह ने दिनेश के स्थान पर परीक्षा दी। सीबीआई ने साक्ष्य एकत्रित करने के लिए आरोपियों के हैंडराइटिंग और अंगूठे के सैंपल लिए। साथ ही लाई डिटेक्टर टेस्ट भी करवाया और इसकी रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की। जिसके आधार पर दोनों आरोपियों को दोषी मानते हुए पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई।